सावन माह सभी महीनों में सबसे पवित्र माह माना जाता है। ये हिंदू कैलेंडर का पांचवा होता है। सावन से वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इस महीने कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए सोमवार के व्रत भी रखती है। इस बार भगवान शिव का प्रिय सावन माह 14 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो रहा है जो 11 अगस्त तक रहेगा। भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए सावन माह सबसे अच्छा माना गया है। सावन माह में सोमवार के दिन सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। ज्योतिष शास्त्र में भी भगवान शिव की आराधना से सारे दोषों की शांति व जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सावन का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। इस पूरे माह में श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा करना फलदायक माना जाता है। सावन के हर सोमवार को बेल पत्र से भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। सावन के महीने में सोमवार के दिन का और खास महत्व होता है।
भोलेनाथ को क्यों पसंद है सावन माह?
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, जब सनत कुमारों ने भगवान शंकर से उन्हें सावन महीने के इतने प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव ने बताया था कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और भोलेनाथ को प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया।
सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार व्रत की तारीखें:
• पहला सोमवार व्रत- 18 जुलाई 2022
• दूसरा सोमवार व्रत- 25 जुलाई 2022
• तीसरा सोमवार व्रत- 1 अगस्त 2022
• चौथा सोमवार व्रत- 8 अगस्त 2022
• सावन का आखिरी दिन 12 अगस्त, शुक्रवार
सावन सोमवार की पूजा विधि
• सुबह स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
• अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार के व्रत का संकल्प लें।
• फिर सभी देवताओं पर गंगा जल चढ़ाएं।
• ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें।
• भोलेनाथ को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र आदि चढ़ाएं।
• ये सभी सामग्री चढ़ाते समय ‘ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐ’ का जाप करें और चंदन का तिलक लगाएं।
• सावन सोमवार के दिन व्रत करने वाले को सोमवार की कथा जरूर पढना चाहिए और फिर आरती करना चाहिए।
• फिर प्रसाद स्वरुप भोलेनाथ को घी और चीनी का भोग भी लगाना चाहिए।
• फिर उस प्रसाद को अपने घरवालों के बीच में ही बांट लीजिए।
सावन माह में भगवान शिव को क्या चढ़ाएं?
भगवान शिव को सावन माह में पूजा के दौरान धतूरा, बेलपत्र, सुपारी, भांग के पत्ते, बेल की पत्तियां, दूध, पंच अमृत, नारियल काले तिल और गुड़ आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे भगवान शिव की कृपा हमेशा आप पर बनी रहती है।
सावन माह में कौन-से उपाय करें?
• संतान सुख की प्राप्ति के लिए महादेव का दूध से अभिषेक करें।
• बच्चे जीवनसाथी को पाने के लिए सावन के हर सोमवार का व्रत करें।
• अगर घर में कोई अक्सर बीमार रहता है तो सावन के महीने में रोजाना पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
• अगर आप अपने जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं और आपके हर काम बिगड़ रहे हैं तो आप अपनी पत्नी के साथ भोलेनाथ और माता पार्वती को चावल की खीर चढ़ाएं।
• आर्थिक हालत में सुधार चाहते है तो शिवस्तोत्र का पाठ और गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
सावन के महीने में क्या काम करना चाहिए?
• घर में मिट्टी के एक छोटे से शिवलिंग बनाएं और फिर विधिवत उनकी पूजा करें।
• सावन माह के दौरान भगवान शिव को पंचामृत चढ़ाकर रुद्राभिषेक करने से मन और शरीर को शांति मिलती है।
• सावन का व्रत रखना सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।
• सावन में भगवान शंकर के साथ माता पार्वती की पूजा भी करना चाहिए और शाम को उनकी आरती जरूर करना चाहिए।
• इस महीने में महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना काफी शुभ माना जाता है।
• सावन के महीने में आपको जब समय मिले तब ‘ऊ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करते रहें।
• सावन के महीने में सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ना और पवित्र रुद्राक्ष धारण करना भी काफी पवित्र और शुभ माना जाता है।
सावन के महीने में क्या काम नहीं करना चाहिए?
• सावन में जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
• इस दौरान प्याज, लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
• अगर आपने सावन के व्रत रखने के बारे में सोचा है तो ये व्रत पूरे जरूर करें।
• सावन के महीने में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
• सावन में पुरुषों को दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए।
• सावन माह में अपने शरीर पर टेल लगाने से बचें।
सावन में किस तरह करें व्रत का पालन?
सावन माह में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें वरना अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेना पड़ सकता है। इस माह में देर तक सोने की आदत को छोड़कर जल्दी उठें और शिवजी की पूजा करें क्योंकि सावन माह में शिव और भक्त के बीच की दूरी कम हो जाती है। साथ ही किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें वरना शिव भगवान नाराज हो सकते हैं।
सावन माह में करें भगवान शिव के इन प्रभावशाली मंत्रो का जाप:
शिव जी का मूल मंत्र – ऊँ नम: शिवाय।।
महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्रू
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय गायत्री मंत्र – ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्।
द्र गायत्री मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।
शिव के अन्य प्रभावशाली मंत्र:
• ओम साधो जातये नम:।।
• ओम वाम देवाय नम:।।
• ओम अघोराय नम:।।
• ओम तत्पुरूषाय नम:।।
• ओम ईशानाय नम:।।