दो साल के लंबे इंतजार के बाद अब सभी शिवभक्तों का इंतजार खत्म होने वाला है। भोलेनाथ के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ की यात्रा 30 जून से शुरू होने वाली है जो कि 11 अगस्त तक चलेगी। 43 दिनों लंबी ये यात्रा कोविड महामारी की वजह से पिछले दो साल से बंद थी। अमरनाथ यात्रा में देशभर से लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते हैं। अगर आप अमरनाथ धाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपको कुछ विशेष तैयारियाँ करनी जरूरी हैं। तो चलिए जानें उनके बारे में।
अमरनाथ यात्रा क्यों की जाती हैं?
जम्मू-कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित पवित्र बाबा अमरनाथ की गुफा हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल है। पौराणिक कथाओं में बताया गया हैं कि भगवान भोलेनाथ ने अमरनाथ गुफा में माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। अमरनाथ गुफा में भगवान शिव एक हिमलिंग यानी बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। हिमलिंग के बाईं ओर दो छोटे बर्फ के पिंड भी बनते हैं। उन्हें माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं। साथ ही यहां पर देवी का एक शक्तिपीठ भी है। अमरनाथ गुफा में देवी सती का कंठ गिरा था।
कहा जाता है जिस प्रकार चंद्रमा का आकार घटता और बढ़ता रहता है, उसी प्रकार शिवलिंग का आकार भी घटता और बढ़ता रहता है। मान्यता है कि इस हिमलिंग के दर्शन मात्र से व्यक्ति मुक्ति का अधिकारी बन जाता है। पुराणों में बताया गया है कि, काशी में दर्शन से दस गुना, प्रयागराज में दर्शन से सौ गुना और नैमिषारण्य में दर्शन से हजार गुना पुण्य देने वाले श्री बाबा अमरनाथ के दर्शन है।
अमरनाथ यात्रा कैसे और कहाँ से करें?
बाबा अमरनाथ की गुफा कश्मीर के श्रीनगर शहर से उत्तर-पूर्व में 12,700 फीट की ऊंचाई पर है। अमरनाथ गुफा तक जाने के लिए मुख्य रूप से दो रास्ते हैं।
पहला रास्ता
पहला पारंपरिक रास्ता है, जो कि जम्मू से पहलगाम होते हुए पवित्र गुफा तक जाता है। इस रास्ते से जाने के लिए सबसे पहले आपको श्रीनगर पहुंचकर गाड़ी से पहलगाम जाना होगा। फिर वहां से चंदनबाड़ी होते हुए पिस्सू टॉप पर पहुंचना होगा, जिसके बाद आपको शेषनाग होते हुए, पंचतरणी और फिर यहां से छह किलोमीटर की दूसरी पर अमरनाथ गुफा स्थित है। यह रास्ता कुल 46 किलोमीटर का है और इसे पूरा करने में करीब 3 दिन का समय लग जाता है।
दूसरा रास्ता
दूसरा रास्ता जम्मू से बालटाल होते हुए अमरनाथ गुफा तक पहुंचता है। यह रास्ता काफी छोटा है और इसे 1 दिन में ही तय किया जा सकता है। बालटाल से पवित्र गुफा तक की दूरी मात्र 14 किलोमीटर है।
हेलीकॉप्टर से यह यात्रा कैसे करें?
इस साल श्रीनगर से अमरनाथ गुफा तक हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार किया गया है। नीलग्रेट (सोनमार्ग) और पहलगाम दोनों से हेली सेवाएं हमेशा की तरह जारी रहेंगी। हेलीकॉप्टर टिकटिंग को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। गुफा हेलीपैड से 6 किमी दूर स्थित है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की भी शुरुआत की है। आप हेलीकॉप्टर टिकट की बुकिंग के लिए श्राइन बोर्ड की वेबसाइट heliservices.jksasb.nic.in पर आसानी से लॉग इन कर सकते हैं। यहाँ आपको टिकट की कीमत की भी सभी जानकारी आसानी से मिल जाएगी।
अमरनाथ यात्रा के लिए क्या डाक्यूमेंट्स होना जरूरी हैं?
बात करें अगर अमरनाथ यात्रा के लिए आवेदन की तो इसके लिए 11 अप्रैल 2022 से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। अगर आप इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाकर बाबा बर्फानी के दर्शन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/register.aspx पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। हर यात्री को रजिस्ट्रेशन फीस के 100 रुपए है।
इस यात्रा पर जाने के लिए आपको तीन डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है।
• आपको सबसे पहले एप्लिकेशन फॉर्म चाहिए होता है, जिसे आपको पूरा भरना होता है।
• यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति का किसी ऑथोराइज़्ड डॉक्टर द्वारा जारी किया गया हेल्थ सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।
• श्रद्धालु की चार पासपोर्ट साइज फोटो भी चाहिए होती हैं।
• इसके अलावा आप अपने साथ आधार कार्ड या फिर कोई बायोमेट्रिक वेरीफाइड गवर्नमेंट आईडी जरूर रखें।
• आप कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट भी अपने साथ रख सकते हैं।
इस यात्रा को कौन नहीं कर सकता है?
• 6 सप्ताह से ज्यादा की गर्भवती महिलाएं।
• 13 साल से कम उम्र के बच्चे।
• 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग।
अमरनाथ यात्रा से पहले स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश
• अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शारीरिक रूप से फिट होना बहुत जरूरी हैं।
• इस यात्रा को शुरू करने से पहले लगभग 2 से 3 सप्ताह तक हर रोज कम से कम 6 किलोमीटर पैदल चलें।
• रोजाना प्राणायाम करें।
• अगर आप फेफड़ों, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी कोई रोग से पीड़ित हैं, तो अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले डॉक्टर की राय जरूर लें।
• इस यात्रा पर आपको जी घबराना, सिरदर्द, उल्टी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं महसूस हो सकती हैं।
• यदि आपको किसी भी तरह की बीमारी है तो अपने साथ वाले या फिर वहां मौजूद अधिकारियों को बताएं ।
• इस यात्रा में कार्बोहाइड्रेट को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाएं।
• यात्रा पर धूम्रपान, शराब और कैफीन का सेवन बिल्कुल ना करें।
• डिहाइड्रेशन और सिरदर्द से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत डालें।
• लो ब्लड शुगर लेवल से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।
• अगर सांस लेने में दिक्कत होती हैं तो आप अपने साथ पोर्टेबल ऑक्सीजन लेकर जाएं।
• पहलगाम व बालटाल में डीआरडीओ के दो अस्पतालों को बनाया गया है ताकि यात्रियों को आसानी से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके। इन दोनों अस्पतालों की कुल क्षमता 320 बेड की है।
• श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध फूड मेन्यू का चेक करें और पालन करें।
• वहां का मौसम और तमाम तरह की सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए प्ले स्टोर से ‘श्री अमरनाथजी यात्रा’ ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
क्या यह यात्रा सुरक्षित हैं?
जी हाँ, अमरनाथ यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है। इस यात्रा की पूरी सुरक्षा सेना का हाथों में है। यात्रा के दोनों मार्गों को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया और पूरी यात्रा की निगरानी के लिए जीपीएस सक्षम रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन टैग (RFID) का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके जरिए पूरे रास्ते यात्रियों को ट्रैक किया जा सकेगा। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा के लिए कई हाई-टेक गैजेट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। यात्रा रूट पर CCTV कैमरा और ड्रोन लगेंगे।इसके अलावा श्रद्धालुओं को खास तरीके का बार कोड दिया जाएगा जिससे उनकी लोकेशन के बारे में जानकारी मिलेगी।
अमरनाथ यात्रा करने में कितना खर्च आता है?
अमरनाथ में ठहरने के लिए काफी सस्ती धर्मशालाओं और मुफ्त भोजन की व्यवस्था होती है। अगर आप बिना किसी लग्जरी सुख-सुविधा के और स्लीपर ट्रेन से जाते हैं तो अमरनाथ यात्रा के लिए एक व्यक्ति का खर्च लगभग 5000 रुपए आता है। हालांकि, अगर आप किसी लग्जरी सुविधा का आनंद लेते हुए बाबा के धाम में मत्था टेकना चाहते हैं तो आपको प्रति व्यक्ति खर्च करीब 10 से 15 हजार रुपए तक पड़ सकता है।