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कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज़ क्या हैं? यह कितनी कारगर हैं?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 25 दिसंबर, 2021 को स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए बूस्टर डोज़ की घोषणा की थी।

देश की कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा था कि बूस्टर डोज़ या तीसरी खुराक उसी को लगेगी जिसने वैक्सीन की पहली दो खुराक लगवा ली हो। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस (कोविड-19) के टीके की बूस्टर डोज़ पहली दो खुराक से मिली सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करती है। यह आपको लंबे समय तक कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने से बचाता है। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि जिन लोगों को पहले कोविशील्ड का टीका लगाया जा चुका है, उन्हें कोविशील्ड की बूस्टर डोज़ दी जाएगी, जबकि जिन लोगों ने पहले कोवैक्सीन लिया है, उन्हें कोवैक्सीन की बूस्टर डोज़ दी जाएगी।

लेकिन बूस्टर डोज़ वास्तव में क्या है? यह ओमाइक्रोन के खिलाफ कैसे और कितनी प्रभावी है? और भारत ने इसे अभी देने का फैसला क्यों किया? और क्या होगा यदि आप इसे लेना चाहते हैं? वर्तमान में, भारत में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक टीके लगाए जा रहे हैं। क्या टीके आपके शरीर को बीमारी या वायरल संक्रमण से लड़ने की ताकत देते हैं?

बूस्टर डोज़ क्या है?

जब हम किसी बीमारी के खिलाफ टीका लगवाते हैं, तो हम उस बीमारी से लड़ने के लिए अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को तैयार करते हैं। लेकिन कई बार वैक्सीन की एक से ज्यादा खुराक लेनी पड़ती है।

COVID-19 बूस्टर खुराक वैक्सीन की एक अतिरिक्त खुराक है,आम तौर पर बूस्टर डोज तब दी जाती है जब शुरुआती डोज़ से प्राप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे अपने आप कम हो जाती है। बूस्टर शॉट लोगों को उस प्रतिरक्षा स्तर को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है।

भारत में बूस्टर शॉट को ‘एहतियाती खुराक’ कहा जा रहा है। 25 दिसंबर को, प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा, “एहतियात के रूप में, सरकार ने फैसला किया है कि स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए वैक्सीन की पूर्व-एहतियाती खुराक भी शुरू की जाएगी।”

बूस्टर डोज़ किसे मिलेगी?

कई देशों में सभी नागरिकों के लिए बूस्टर डोज की शुरुआत की गई है। भारत में फिलहाल डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज़ दिया जाएगा। 60 वर्ष से अधिक आयु के कॉमरेडिडिटी वाले नागरिकों के पास अपने डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की एहतियाती खुराक का विकल्प भी होगा। बूस्टर डोज़ देने का काम 10 जनवरी 2022 से शुरू हो चुका है।

कोविड-19 की बूस्टर डोज़ के लिए कैसे रजिस्टर कर सकते हैं?

पात्र लोग CoWIN प्लेटफॉर्म पर टीकाकरण स्लॉट बुक करवा सकेंगे । इसके अलावा खुराक लेने के लिए टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी स्लॉट बुक किया जा सकता है और बूस्टर डोज़ लगाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए पात्र व्यक्ति को पहले से यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जिस केंद्र में जाना चाहता है, वहां वाक-इन की सुविधा है या नहीं। 60 वर्ष से अधिक आयु के पात्र लोगों को केवल डॉक्टर की सलाह के आधार पर “प्रामाणिक खुराक” दी जाएगी, ऐसे में उन्हें बूस्टर डोज़ लेने के लिए टीकाकरण केंद्र में सहरुग्णता का प्रमाण पत्र ले जाना होगा।

यह डोज़ आपको कितनी सुरक्षा देगी?

बूस्टर डोज़ के बाद किसी भी COVID लक्षण के खिलाफ 75% तक सुरक्षा देखी गई है। बूस्टर डोज़ निश्चित रूप से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भविष्य में किसी भी प्रआर के वेरिएंट से बचने के लिए असरदार है। तेजी से फैल रहे ओमाइक्रोन खतरे के बीच भारत सरकार ने बूस्टर डोज़ लगाने का कदम उठाया है।

जिन लोगों को कोरोना हो चुका है, क्या उन्हें भी बूस्टर डोज़ लेनी होगी?

एक बार वायरस से संक्रमित होने के बाद शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया है, तो उसमें वायरस के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो जाती है। बूस्टर डोज़ लेने से शरीर का इम्यून सिस्टम लंबे समय तक मजबूत रहता है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कोविड से संक्रमित होने के कुछ दिनों बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार बूस्टर डोज़ लेनी चाहिए।

दिन-ब-दिन देश में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। तीसरी लहर में मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में बूस्टर डोज़ हमारी ही सेहत को ध्यान में रखकर बनाई गयी है। संक्रमण से बचने और खुद की देखरेख के लिए आप सभी को डॉक्टर की सलाह अनुसार बूस्टर डोज़ लगवानी चाहिए। एकमात्र यही तरीका है जो हमे भविष्य में आने वाले खतरे से बचा सकता है।

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