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सीने में दर्द या दिमाग का भ्रम? आइए समझते हैं एंजिनोफोबिया के बारे में

एंजिनोफोबिया

हमारे देश में एक बात तो आम तौर पर कही जाती है कि पहला सुख निरोगी काया। यानी कि प्रथम जो सुख है वह शरीर का स्वस्थ होना ही है। अगर शरीर स्वस्थ रहा तो सभी सुख हम पा लेंगे और बात सही भी है। क्योंकि स्वस्थ शरीर से ही सारी चीजें हो पाती हैं। फिर चाहे हमारे पास कितनी भी धन दौलत ही क्यों न हो। अगर शरीर स्वस्थ नहीं होगा तो हम परेशान रहेंगे। ऐसे में हम सभी अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही सजग होते हैं। इसके बावजूद भी कई बार हमारा स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है और हम बीमार पड़ जाते हैं।

स्वास्थ्य दो प्रकार का होता है एक मानसिक और दूसरा शारीरिक। मस्तिष्क से जोड़ी स्वास्थ्य समस्याएं मानसिक रोग के अंदर आती है और शरीर से जुड़ी समस्याओं को शारीरिक स्वास्थ्य में गिना जाता है। हमारे लिए मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य अति महत्वपूर्ण है। आज हम इस आर्टिकल में इसी को लेकर बात करेंगे

आज के इस आर्टिकल में हम सीने में होने वाले एक ऐसे दर्द के बारे में बात करेंगे जो मानसिक रोग से भी जुड़ा हुआ है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सीने में दर्द क्यों होता है? क्या मनोविकार के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है? तो आइए शुरू करते हैं।

सीने में दर्द क्यों होता है?

सीने में दर्द होने के कई कारण हैं। आम कारणों पेट में गैस बन जाना, अत्यधिक श्रम करना, कोलेस्ट्रोल का बढ़ जाना, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, घबराहट आदि। इसके अलावा फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के कारण भी सीने में दर्द होता है, जिससे जुडी बीमारी का पता एक्सरे, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन आदि के द्वारा लगाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मनोविकार के कारण भी सीने में दर्द होने लगता है और उस दर्द की वजह से हमें यह महसूस होता है कि कहीं हमें हार्ट अटैक तो नहीं आ जाएगा। जी हां सही पढ़ा आपने। सीने में होने वाले दर्द के कारण हर बार हार्ट अटैक का ख्याल आना मनोविकार से जुड़ी एक समस्या है, जो कि अब आम होती जा रही है। इस बीमारी को एंजिनोफोबिया क्या कहा जाता है। आइए हम आपको बताते हैं कि एंजिनोफोबिया क्या होता है? एंजिनोफोबिया से कैसे बचा जा सकता है? और एंजिनोफोबिया के लक्षण क्या है?

एंजिनोफोबिया क्या होता है?

एंजिनोफोबिया एक तरह का मनोविकार है। जिसमें व्यक्ति के सीने में जलन, चुभन और दर्द का एहसास होता है और व्यक्ति को ऐसा आभास होता है कि उसे हार्ट अटैक आएगा और उसकी मृत्यु हो जाएगी । विकार से पीड़ित व्यक्ति के द्वारा डॉक्टर के पास कई प्रकार की दिल से जुडी जांच भी करा ली जाती है जो कि नॉर्मल आती है। लेकिन उसका हार्ट अटैक आने का यह डर बना रहता है। इसे ही एंजिनोफोबिया कहा जाता है। यह एंजाइटी का ही एक भाग कहा जा सकता है। जिसमें व्यक्ति को दिल का दौरा आने का डर सताता है। व्यक्ति हार्ट अटैक आने के डर से इतना घबरा जाता है कि उसकी बीपी भी हाई हो जाती है।

एंजिनोफोबिया होने के क्या कारण है?

एंजिनोफोबिया के होने के निम्नलिखित कारण है।

कई बार व्यक्ति यह सोचता है कि उसका ब्लड प्रेशर हाई तो नहीं हो गया है, ऐसा बार-बार सोचने की वजह से भी एंजिनोफोबिया होने लगता है। अगर व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक से होना देख ले तो भी वह एंजिनोफोबिया का शिकार हो जाता है। इसके अलावा हार्ट में ब्लॉकेज का डर बैठ जाने पर भी व्यक्ति को एंजिनोफोबिया हो जाता है। जब व्यक्ति हार्ट अटैक से जुड़े आर्टिकल या वीडियोज देखता है तो भी उसे एंजिनोफोबिया हो सकता है। अगर परिवार में किसी की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई होती है तो भी उसके मन में यह डर बैठ जाता है कि सीने में होने वाली जलन हार्टअटैक ही है। इसके अलावा अत्यधिक दवाइयां खाने और शरीर में कोई बीमारी पनपने का डर भी एंजिनोफोबिया का कारण बन जाता है।

एंजिनोफोबिया के लक्षण क्या है?

एंजिनोफोबिया के लक्षणों की बात करें तो सामान्य तौर पर सीने में जलन, चुभन और दर्द का एहसास होता है। इस समय व्यक्ति यह सोचने लगता है कि उसे हार्ट अटैक आने वाला है। जब वह यह सोचता है कि उसे हार्ट अटैक आने वाला है तो वह अत्यधिक घबरा जाता है। इस घबराहट के कारण अन्य लक्षण भी उसके साथ जुड़ जाते हैं। जिसमें व्यक्ति की सांस फूलने लगती है, उसे बेचैनी होती है, पसीना आता है, ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और कई बार तो धड़कन भी तेज हो जाती है।

Anginophobia का उपचार क्या है?

अगर आपको सीने में दर्द, जलन या चुभन जैसा महसूस होता है तो सबसे पहले तो आप किसी हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर को दिखाए। अगर डॉक्टर सभी जांच के बाद नॉर्मल बताए और ऐसा बार बार हो तो आपको एंजिनोफोबिया हो सकता है। यानी ये मानसिक रोग है। अगर हम एंजिनोफोबिया के उपचार की बात करें तो यह मनोविकार से जुड़ा रोग होने के कारण इसका उपचार भी मनोचिकित्सक के पास ही है। आप अपने स्तर पर यह उपाय कर सकते हैं कि इस तरह का ख्याल मन से निकाल दें कि आपको हार्ट अटैक आ जाएगा। क्योंकि आप पूर्व में ही जांच करवा चुके हैं, जोकि नॉर्मल आई है। इसके बावजूद आपके मन में यह डर बैठा हुआ है कि सीने में होने वाला दर्द हार्ट अटैक की वजह बनेगा तो आपको मनोचिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए।

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