बदलते मौसम के साथ मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों की संभावना अधिक रहती है। इसी में एक प्रमुख है मलेरिया। बारिश की शुरुआत से ही Malaria के मामले भी आना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में मलेरिया से बचाव एवं रोकथाम बहुत ज़रूरी है। हम आपको इस आर्टिकल में मलेरिया क्या होता है? मलेरिया कैसे फैलता है ? मलेरिया के लक्षण क्या है ? और मलेरिया से बचाव और उपचार के उपाय क्या है? इसके बारे में बताएंगे। ताकि आप Malaria बीमारी के बारे में विस्तार से जान सके और समय रहते मलेरिया का इलाज करवाकर इस बीमारी से बच सके।
मलेरिया क्या होता है?
आसान शब्दों में कहा जाए तो मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो ठण्ड लगकर या सर्दी जुकाम के साथ आता है। Malaria बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है। यह फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। फीमेल एनोफिलीज में एक खास प्रकार का प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु पाया है। फीमेल एनोफिलीज में इस जीवाणु की पाँच जातियां पाई जाती है। इस प्रजाति के मच्छर बारिश के मौसम में ज्यादा पनपते हैं। क्योंकि बारिश में पानी इकट्ठा हुआ रहता है, जिससे इनकी उत्पत्ति अधिक होती है।
मलेरिया कितने प्रकार का होता है ?
Malaria 5 प्रकार का होता है, जो निम्नलिखित है।
1. प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम
यह Malaria परजीवी आमतौर पर अफ्रीका में पाया जाता है। इसकी वजह से रोगी को ठंड लगने के साथ सिर दर्द की शिकायत होती है।
2. प्लास्मोडियम विवैक्स
यह परजीवी दिन में काटता है। इसका असर 48 घंटे बाद दिखना शुरू होता है। इस रोग में सिर दर्द, हाथ – पैरो में दर्द, भूख न लगना और तेज बुखार के लक्षण दिखते हैं।
3. प्लास्मोडियम ओवेल
यह असामान्य परजीवी है और यह पश्चिम अफ्रीका में पाया जाता है। यह रोगी में लक्षण के बिना ही वर्षों तक लिवर में रह सकता है।
4. प्लास्मोडियम मलेरिया
यह Malaria प्रोटोजोआ का एक प्रकार है। इस रोग से रोगी को प्रत्येक चौथे दिन बुखार आने लगता है। साथ ही शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम होने से शरीर में सूजन आने लगती है।
5. प्लास्मोडियम नॉलेसि
यह परिजिवी आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। और यह एक प्राइमेट Malaria परजीवी है। इसमें रोगी को ठंड लगने के साथ बुखार आता है। और रोगी को सिर दर्द, भूख न लगना, बुखार जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हमारे देश में सबसे ज्यादा मलेरिया के संक्रमण प्लास्मोडियम वीवैक्स और प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के कारण होता है।
मलेरिया के लक्षण क्या है ?
Malaria रोग के प्रमुख लक्षण बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना है। Malaria के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के दस से पंद्रह दिनों में दिखने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में समय पर उपचार लेना जरुरी होता है। साथ ही कुछ मामलों में मलेरिया के लक्षण कई महीनों तक विकसित नहीं होते।
- बुखार आना
- सिर दर्द होना
- उल्टी होना
- जी मचलना
- ठंड लगना
- चक्कर आना
- थकान लगना
- मांसपेशियों में दर्द होना
मलेरिया कैसे फैलता है?
मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। जब कोई मच्छर एक संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह एक छोटी मात्रा में संक्रमित व्यक्ति का रक्त लेता है। जिसमें सूक्ष्म Malaria परजीवी होते हैं। इसके लगभग एक सप्ताह बाद, जब मच्छर अपना अगला रक्त भोजन लेता है, तो ये परजीवी मच्छर की लार यानी सलाइवा के साथ मिल जाते हैं और उसे काटे जाने वाले व्यक्ति में इंजेक्ट कर देते हैं। जिससे Malaria परजीवी दूसरे व्यक्ति के रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाता है। इसके 48 से 72 घंटो के भीतर लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर परजीवी कई गुना तक बढ़ जाते हैं। जिससे संक्रमित कोशिकाएं फट जाती हैं और यह परजीवी कोशिकाओं तक पहुचते हैं और इसकी संख्या में वृद्धि होती है।
ऐसे में जब रक्त कोशिकाएं फूटती है तो यह परजीवी दूसरे कोशिकाओं पर आक्रमण कर देती है और यह सिलसिला ऐसे ही आगे बढ़ता रहता है।
मलेरिया से बचाव कैसे करे ?
- घर में डीडीटी जैसे कीटनाशकों का छिडकाव करे, ताकि मच्छर नहीं पनपे।
- घर और आसपास गड्ढों, नालियों, डिब्बों, पानी की टंकियों, गमलों आदि में पानी इकट्ठा नहीं होने दे।
- सप्ताह में एक बार पानी से भरी टंकी, मटके, कूलर आदि को खाली कर सफाई अवश्य करे।
- दरवाजों, खिड़कियों आदि में जालियां लगवा ले, ताकि मच्छर घर में नहीं आ पाए।
- सोने के दौरान मच्छर दानी का इस्तेमाल करे।
- पहनने में ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल करे जो पूरे शरीर को ढंक सके।
Malaria का उपचार क्या है ?
मलेरिया का उपचार संभव है। मलेरिया से बचाव के लिए एंटीमलेरियल दवा दी जाती है। इसके अलावा मलेरिया के प्रकार के आधार पर एंटिसिजिर दवाएं और इलेक्ट्रोलइट्स भी दी जाती है।
मलेरिया बीमारी का असर कितने दिनों तक रहता है?
Malaria बुखार से ग्रसित रोगी को अगर समय पर पर्याप्त इलाज मिले तो मरीज जल्दी ठीक होने लगता है। लेकिन फिर भी रोगी को पूरी तरह से ठीक होने में करीब 2 सप्ताह तक का समय लग जाता है।
भारत में Malaria
हमारे देश में हर साल मलेरिया रोग के 1 करोड़ 50 लाख मामले सामने आते हैं। जिसमें से करीब 20 हज़ार लोग हर साल इस रोग से अपनी जान गवां देते हैं। दुनियाभर में सामने आने वाले मलेरिया के मामलों में 3 प्रतिशत मामले भारत से सामने आते हैं। विश्वभर में Malaria के 52 करोड़ मामले सामने आते हैं, जिसमें से करीब 30 लाख लोगों की Malaria से मौत हो जाती है। मलेरिया से बचाव के लिए भारत सहित विश्वभर में कई अभियान चलाए जा रहे हैं।