भारत में ऐसे कई कथावाचक हुए हैं जिन्होंने श्रीमद भगवत गीता, रामायण, मीराबाई की कथा, नरसी भक्त जैसी कथाओं का वाचन करके लोगों को आनंदित और उनका ज्ञानार्जन किया है। वर्तमान समय में भी कई कथावाचक हैं जो अपनी कथाओं से समाज में खास पहचान बनाए हुए हैं। साथ ही युवाओं में खासे लोकप्रिय भी हैं। उनके विचारों, सिद्धांतों को श्रोता न सिर्फ अपनाते हैं, बल्कि प्रखर प्रशसंक भी हैं। आज इस आर्टिकल में हम एक ऐसी हीं कथावाचक के बारे में जानेंगे जो कथा वाचक होने के साथ ही मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। हम बात कर रहे हैं कथा वाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी जी की। जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में लोगों को भगवत गीता, नानी बाई का मायरा और नरसी की भात जैसी कथाओं को अपनी मधुर और मीठी आवाज के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया। आइए, जया किशोरी जी के बारे में जानते हैं।
जया किशोरी कौन हैं
जया किशोरी देश की प्रख्यात कथा वाचक होने के साथ ही मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। उनकी कथाओं को सुनने के लिए हज़ारों की संख्या में श्रोता पहुँचते हैं। साथ वे सोशल मीडिया पर भी काफी प्रसिद्ध हैं।
जया किशोरी का जीवन परिचय
Jaya Kishori जी का वास्तविक नाम जया शर्मा है। उनका जन्म 13 जुलाई 1995 को राजस्थान के चूरू जिले के सुजानगढ़ गांव में एक गौड़ ब्राह्माण परिवार में हुआ था। जया किशोरी जी के पिता का नाम शिव शंकर शर्मा है, जबकि मां का नाम सोनिया शर्मा है। वहीं उनकी एक बहन भी हैं, जिनका नाम चेतना शर्मा है। कथावाचक जया किशोरी जी ने छोटी सी उम्र में ही भगवत गीता, नानी बाई का मायरो, नरसी का भात जैसी कथाएं सुनाकर प्रसिद्धि प्राप्त कर ली थी। वे 6 साल की उम्र से ही कथा वाचन कर रही हैं। राजस्थान में जन्मीं Jaya Kishori वर्तमान में कोलकाता में अपने परिवार सहित रह रही है। उनकी प्रसिद्धी देश के साथ विदेश में भी है।
जया किशोरी की शिक्षा
कथावाचक Jaya Kishori जी ने अपनी स्कूली पढ़ाई कोलकाता के महादेवी बिडला वर्ल्ड एकेडमी से की। इसके बाद उन्होंने बीकॉम किया। करीब 9 साल की अल्पायु में ही जया किशोरी ने संस्कृत में लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरूद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् आदि कई स्तोत्रों को गाकर हजारों श्रोताओं को प्रभावित किया है।तो वहीँ 10 साल की उम्र में Jaya Kishori ने अमोघफलदायी सम्पूर्ण सुंदरकांड गाकर लाखों लोगों के दिलों में विशेष स्थान बना लिया।
जया किशोरी नाम कैसे पड़ा
Jaya Kishori अपने शुरुआती दिनों में गोविंदराम मिश्रा और स्वामी रामसुखदास और पंडित विनोद कुमार जी के संरक्षण में उपदेश दिया करती थीं। पं. गोविंदराम मिश्रा जी जया किशोरी जी को ‘राधा’ कहते थे। भगवान कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को देखने के बाद मिश्रा ने उन्होंने उन्हें ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी। तब से जया शर्मा को ‘किशोरी जी’ के नाम से जाना जाता है।
कब गया पहला भजन
कहा जाता है कि जब जया सिर्फ 7 साल की थी तब उन्होंने पहली बार बसंत महोत्सव के दौरान कोलकाता में आयोजित सत्संग में भजन गाया था। इसके बाद जब Jaya Kishori 10 साल की हुईं तो उन्होंने मंच पर अकेले ही ‘सुंदर कांड’ का पाठ किया था जिसे जनता ने काफी पसंद किया था। Jaya Kishori जी के दादा-दादी ने उनके आध्यात्मिक विकास को प्रभावित करने के लिए उन्हें कई भजन सिखाए और कृष्ण भगवान की कई कहानियाँ सुनाई।
20 से अधिक भजनों में दी आवाज
Jaya Kishori जी ने 20 से अधिक भजन एल्बमों में अपनी आवाज दी है। उनके कुछ एलबम्स में ‘शिव स्तोत्र,’ ‘सुंदरकांड, ‘मेरे कान्हा की, ‘श्याम थारो खाटू प्यारे, ‘दीवानी मै श्याम की,’ और ‘जयाकिशोरी के हिट्स’ शामिल हैं। Jaya Kishori जी को उनके 7-दिवसीय ‘कथा श्रीमद्भागवत’ और 3-दिवसीय ‘कथा नानी बाई रो मायरो’ आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए जाना जाता है।
जया किशोरी की उम्र
जया किशोरी जी की उम्र ( jaya kishori age) की बात करें तो उनकी उम्र 27 साल है। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने वो प्रसिद्धि हासिल कर ली थी जो बड़े बड़े लोग आज तक नहीं कर पाए। आज जया किशोरी जी के विश्वभर में लाखों फॉलोवर्स हैं।
जया किशोरी की शादी कब होगी?
एक इंटरव्यू के दौरान Jaya Kishori ने कहा था कि वे भी सामान्य लड़की ही हैं और शादी भी करेगी। लेकिन कब और किसके साथ करेंगी इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। हालाँकि सोशल मीडिया वायरल के अनुसार उनका नाम किसी से जुड़ा बताया गया था लेकिन वह फेक न्यूज़ थी। लेकिन Jaya Kishori ने यह जरूर कहा था कि वह कोलकाता में शादी करना चाहती है क्योंकि उनका परिवार वहां रहता है।
ऐसा कहा जाता है कि जया किशोरी जी अपनी कथाओं से होने वाली आय समाज कल्याण से जुड़े कार्यों के लिए दान कर देती हैं। आज हिन्दू समाज में Jaya Kishori जी का विशेष स्थान है और उनके विचारों और सिद्धांतों से प्रभावित भी होते हैं।