दिमाग शरीर का एक ऐसा भाग है जिसकी किसी प्रॉब्लम का डायरेक्ट कनेक्शन पूरी बॉडी से होता है। अगर इसमें जरा सी भी समस्या हो जाए, तो इसका असर पूरी बॉडी पर पड़ सकता है। वैसे तो दिमाग से जुड़ी कई सारी प्रॉबल्म्स होती हैं, लेकिन इनमें से जो सबसे खतरनाक और बड़ी प्रॉब्लम होती है वो है ब्रेन हेमरेज।
हेमरेज को मानसिक दौरा यानी स्ट्रोक भी कहते हैं। यह समस्या दिमाग की धमनी फटने की वजह से होती है। आज हम इस लेख में ब्रेन हेमरेज के बारे में विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं ब्रेन हेमरेज क्या है, इसके लक्षण, कारण और बचाव के टिप्स –
क्या होता है ब्रेन हेमरेज?
ब्रेन हेमरेज एक ऐसी स्थिति होती है, जो आर्टरी ( हृदय से लेकर शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड पहुंचाने वाली नलियां) के फटने की वजह से होता है। इस स्थिति में आसपास के टिश्यूज में ब्लीडिंग होने लगती है। ब्लीडिंग की वजह से दिमाग की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इससे दिमाग के कई हिस्सों को भी नुकसान पहुंचता है। चोट के साथ-साथ कुछ और स्थिति में ब्रेन हेमरेज की समस्या होती है। ब्लीडिंग की स्थिति को हेमरेज स्ट्रोक कहा जाता है। साधारण शब्दों में दिमाग में नस फटना ही ब्रेन हेमरेज कहलाता है।
कौनसे मौसम में रहता हैं ब्रेन हेमरेज का अधिक खतरा?
विशेषज्ञों की माने तो Brain Hemorrhage का खतरा सर्दियों में सबसे ज्यादा रहता है, क्योंकि सर्दियों में लोगों का ब्लड प्रेशर अन्य सीजन के मुकाबले अधिक रहता है। इसके अलावा ठंड ज्यादा होने की कारण भी खून की धमनियां पतली हो जाती है, जिसकी वजह से नसों में ब्लड फ्लो में रुकावट आती है।
ब्रेन हेमरेज के क्या कारण होते हैं?
ब्रेन हेमरेज मस्तिष्क के बाहर या अंदर खून की नलिकाएं फटने की वजह से होता है। चोट के अलावा कई तरह की शारीरिक स्थितियां इसके कारण बन सकती है। अलग-अलग उम्र के लोगों को अलग-अलग तरह के प्रभाव हो सकते हैं। आमतौर पर यह बीमारी उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। इसके ब्रेन हेमरेज के कुछ कारण इस प्रकार हैं-
- सिर में चोट या चोट
- मस्तिष्क में धमनी विस्फार या मस्तिष्क की धमनियों में कमजोरी
- हाई ब्लड प्रेशर
- रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं
- हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण
- मस्तिष्क का ट्यूमर
- लिवर की बीमारी
- गलत दवाइयों का सेवन
- हार्ट की बीमारी
- अधिक धूम्रपान
- ब्लड शुगर की समस्या
- सांस संबंधी समस्याएं
ब्रेन हेमरेज के लक्षण क्या हैं?
ब्रेन हेमरेज एक जानलेवा स्थिति होती है जिसके होने पर शरीर में कुछ सीरियस लक्षण दिखते हैं। Brain Hemorrhage के दौरान कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर समय पर इसकी पहचान हो जाती है तो बिना देर किए रोगी को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। आइए जानते हैं कौन-कौनसे हैं इसके लक्षण-
- अचानक गंभीर सिरदर्द
- नजर में दोष
- देखने की समस्या
- निगलने में कठिनाई
- शरीर का संतुलन या समन्वय न बन पाना।
- भ्रम या चीजों को समझने में कठिनाई
- स्तब्धता, सुस्ती या बेहोशी
- झटके आना।
- बात करने में दिक्कत या ठीक से बोल न पाना
- चलने फिरने में परेशानी
ब्रेन हेमरेज का इलाज
एमआरआई या सीटी स्केन करके ब्रेन हेमरेज का पता लगाया जाता है। लेकिन अगर ये समस्या कम है तो दवाइयों के जरिए इसे ठीक किया जाता है नहीं तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। यदि स्थिति गंभीर है तो ब्रेन हेमरेज के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। दिमाग पर बन रहे प्रेशर को दूर करने के लिए ऑपरेशन किया जा सकता है। कई केस में खोपड़ी के इस हिस्से को हटाया भी जा सकता है। हालांकि यदि स्थिति गंभीर नहीं है तो डॉक्टर कुछ विशेष प्रकार की दवाएं दे सकते हैं। रोगियों को फिजिकल थेरपी, स्पीच थेरपी या आवश्यकतानुसार ऑक्यूपेशनल थेरपी दी जा सकती है।
ब्रेन हेमरेज से बचाव के उपाय
- सिर को किसी भी तरह से चोट से बचाकर रखें।
- बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें।
- जिन लोगों को पहले ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक हो चुका है, उन्हें भविष्य में दूसरी बार भी इसका खतरा 25 फीसदी तक हो सकता है।
- अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
- खान-पान बेहतर रखना जरुरी है।
- जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें इसे कम करने के लिए आवश्यक उपाय करते रहने चाहिए।
ब्रेन हैमरेज के उपचार के विकल्प क्या हैं?
ब्रेन हैमरेज के उपचार के और भी कई विकल्प बताए जाते हैं। मछली का तेल, हर्बल पौधे जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन इनमें शामिल है। इसके अलावा योग करना और जिन्कगो बिलोबा और हीलिंग क्रिस्टल लगाने से भी इसमें मदद मिल सकती है। हालांकि, गंभीर ब्रेन हैमरेज के मामले में, सर्जरी का विकल्प चुनना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है।
भारत में ब्रेन हैमरेज के इलाज की कीमत क्या है?
ब्रेन हैमरेज की सर्जरी की कीमत जानने के लिए आपको किसी अच्छे नजदीकी अस्पताल जाकर पता करना होगा, क्योंकि प्राइवेट और सरकारी दोनों ही अस्पतालों में इसका अलग-अलग सर्जरी शुल्क तय किया गया होता है।
ब्रेन हैमरेज से रिकवर होने का समय?
क्रैनियोटॉमी सर्जरी या किसी अन्य ब्रेन हैमरेज को पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 4-6 सप्ताह लगते हैं।
ब्रेन हेमरेज से मौत कैसे होती है?
ब्रेन हेमरेज दिमाग के बाहर या अंदर खून की नलिकाएं फटने की वजह से होता है। इसके कारण मरीज को बेहोशी, उल्टी और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। साथ ही कभी भी अचानक से ब्लड प्रेशर भी बहुत ज्यादा हाई हो सकता है, जिसके कारण भी व्यक्ति की मौत हो सकती है। Brain Hemorrhage की कंडीशन में मरीज को अस्पताल ले जाने में जरा भी देर नहीं करना चाहिए। इस स्थिति में उसे तुरंत इलाज मिलना जरूरी है।
साथ ही इस बात का भी खासतौर से ध्यान रखना चाहिए कि इन सभी परेशानियों के उभरने के ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे के अंदर इलाज मिल जाना चाहिए। इससे मरीज के रिकवर होने के आसार काफी हद तक बढ़ जाते हैं। हालांकि, कई परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं, जिसमें चंद ही मिनटों में व्यक्ति की मौत हो जाती है।
क्या ब्रेन हेमरेज से डरने की ज़रूरत हैं?
ब्रेन हेमरेज से आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है। आप बस अच्छा खान पान और अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कर ब्रेन हेमरेज से बचाव कर सकते हैं। जरुरी नहीं है कि जिस व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज हुआ है, वो मृत्यु का ही शिकार होगा। यदि समय पर इसका इलाज मिल जाए तो इससे बचा जा सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। यह सिर्फ आपकी जानकारी और सतर्कता को बढ़ाने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।