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जीवन बीमा क्या होता है? आपको जीवन बीमा क्यों खरीदना चाहिए?

jeevan bima in hindi

जीवन अनियमितताओं से भरा हुआ है। कब क्या हो जाए कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने, भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता पड़ती है जो कि जीवन बीमा के रूप में पूरी होती है। जीवन बीमा किसी भी व्यक्ति के परिवार की आर्थिक सुरक्षा एवं भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का भरोसा प्रदान करता है। यह बीमित व्य​क्ति की मृत्यु, दुर्घटना, अपंगता आदि में वित्तीय आवश्यकता की पूर्ति करने में सक्षम है, ऐसे में जीवन बीमा की आवश्यकता वर्तमान में देखी जा रही है। आइए, समझते हैं की आखिर जीवन बीमा क्या होता हैं और हर व्यक्ति को जीवन बीमा क्यों करवाना चाहिए?

जीवन बीमा क्या होता है?

जीवन बीमा, मानव जीवन से जुड़ी आकस्मिक घटनाओं जैसे मृत्यु, दुर्घटना, विकलांगता या सेवानिवृति के बाद की एक वित्तीय सुरक्षा है। मानव जीवन को प्राकृ​तिक या दुघर्टना में जोखिम का भय रहता है ऐसे में परिवारजन को आर्थिक विषमताओं का सामना नहीं करना पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए जीवन बीमा करवाया जाता है। ताकि व्यक्ति की मृत्यु, विकलांगता, आय न होने, सेवानिवृति आदि के बाद उसे जीवन बीमा की राशि मिल सके एवं उसका गुज़ारा हो सके। इसके अलावा बीमित व्यक्ति की असामयिक मृत्यु के बाद उसके परिवारजन, बच्चों को शिक्षा, जीवनयापन के लिए आर्थिक सुरक्षा देने का काम भी जीवन बीमा करता है।

जीवन बीमा कितने प्रकार का होता है?

भारतीय बीमा विनिमायक और विकास प्राधिकरण के अनुसार जीवन बीमा मुख्यत: 6 प्रकार का होता है। जिसके नाम निम्नलिखित है।

1. सावधि बीमा
2. सम्पूर्ण जीवन बीमा
3. बंदोबस्ती (ऐन्डॉवमेंट) पॉलिसी
4. धनवापसी (मनी बैक) या नकद वापसी (कैश बैक)
5. चिल्ड्रेन पॉलिसीः
6. वार्षिकी (पेंशन) योजनाएँ:

आइए अब इन जीवन बीमा पॉलिसिज के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. सावधि बीमा

सावधि बीमा पॉलिसी के तहत एक निर्धारित समय-सीमा तक के लिए बीमित व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है।
इसके तहत मृत्यु या स्थायी अपंगता (यदि लाभ प्रस्तावित है) की स्थिति में आश्रितों को लाभ का भुगतान कर दिया जाता है। वही, बीमित व्यक्ति द्वारा बीमा अवधि पार कर लेने के बाद सामान्यतः कोई भुगतान देय नहीं होता।

2. सम्पूर्ण जीवन बीमा

सम्पूर्ण जीवन बीमा में आजीवन सुरक्षा की गारंटी दी जाती है। इसमें बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी परिवार को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। जिससे व्यक्ति की मृत्यु की दशा में परिवारजन की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित रहती है।

3. बंदोबस्ती पॉलिसी

बंदोबस्ती पॉलिसी निर्धारित परिपक्वता तिथि वाली एक बचत संबंधित बीमा पॉलिसी होती है। यदि इस अवधि के दौरान दुर्भाग्यवश बीमित व्यक्ति की मृत्यु या वह विकलांग हो जाता है तो परिपक्वता राशि का भुगतान लाभार्थियों को कर दिया जाता है। इस अवधि में बीमित व्यक्ति के जीवित रहने पर पॉलिसी परिपक्वता पर देय राशि का भुगतान किया जाता है।

4. धनवापसी (मनी बैक) या नकद वापसी (कैश बैक)

इसके तहत परिपक्वता राशि का कुछ निश्चित भाग, बीमित व्यक्ति को आवधिक रूप से उत्तरजीविता लाभ के रूप में प्रदान किया जाता है। समय अवधि पूरी होने पर शेष राशि का भुगतान परिपक्वता मूल्य के रूप में किया जाता है।

5. चिल्ड्रेन पॉलिसी

ऐसी पॉलिसियां अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को एक उम्र पूरी होने के बाद उनकी जरूरतों की पूर्ति के लिए ली जाती है जैसे पढ़ाई, शादी आदि के लिए। ऐसे में एक निश्चित उम्र पूरी होने के बाद इस राशि का भूगतान होता है।

6. वार्षिकी (पेंशन) योजनाएं

यह योजनाएं खासकर कर्मचारी वर्ग के लिए वृद्धावस्था को सुरक्षित रखने के लिए चलाई जाती है। इसमें कर्मचारी के सेवानिवृति के बाद उसे वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा मिलती है।

जीवन बीमा क्यों खरीदना चाहिए?

मुख्य रूप से जीवन बीमा खरीदना ​हमारी वित्तीय जोखिमों से सुरक्षा प्रदान के ​लिए आवश्यक है। इसके निम्न रूप से समझ सकते हैं।

  • अगर आपका परिवार आप पर ही आश्रित है तो उनकी भविष्य की वित्तीय जरूरतों की पूर्ति करना जरूरी होता है, ऐसे में जीवन बीमा अच्छा विकल्प हैं।
  • अपने बच्चों की भविष्य की जरूरतों की पूर्ति करने के लिए आवश्यक है।
  • वृद्धावस्था के समय स्वयं की आर्थिक सुरक्षा के लिए जीवन बीमा जरूरी है।
  • दुर्घटना आदि के बाद आय के स्त्रोत न होने की स्थिति में जीवन बीमा मददगार होता है।
  • अन्य वित्तीय जरूरतों और जीवन शैली को अच्छे ढंग से चलाने के लिए जीवन बीमा जरूरी है।
  • अपने परिवार को भविष्य की आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जीवन बीमा जरूरी है।
  • अच्छी शिक्षा, जीवन और सुरक्षा के लिए जीवन बीमा अच्छा विकल्प बनकर उभरा है।

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