आज की कहानी है एक योगी के मुख्यमंत्री बनने की। शोध के लिए गोरखपुर आया एक छात्र कैसे बना गोरखपुर पीठ का उत्तराधिकारी और फिर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री। हम बात कर रहे हैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की। गोरखपुर से मात्र 26 वर्ष की आयु में सांसद बनने वाले योगी आदित्यनाथ भाजपा से जुड़े हैं और देश में राष्ट्रवादी नेता के रूप में जाने जाते हैं। वे गोरखपुर से लगातार पांच बार सांसद भी रहे हैं। Yogi Adityanath को आने वाले समय में भाजपा से पीएम के उम्मीदवार के रूप में भी देखा जाता है। आइए, हम योगी आदित्यनाथ के बारे में जानते हैं।
योगी आदित्यनाथ का जन्म कब हुआ?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में 5 जून 1972 को गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी हैं। योगी आदित्यनाथ के पिता फॉरेस्ट रेंजर थे, जिनका 20 अप्रैल 2020 को देहांत हो गया था। Yogi Adityanath अपने माता-पिता के सात बच्चों में से पांचवीं संतान थे। उनसे तीन बड़ी बहनें, एक बड़े भाई और दो छोटे भाई और हैं।
योगी आदित्यनाथ का असली नाम क्या है?
योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है। गोरखपुर में महंत अवैद्यनाथ जी से दीक्षा लेने के बाद वे 1994 में पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से Yogi Adityanath हो गया। 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ जी के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ को महंत बनाया गया। इसके 2 दिन बाद उन्हें मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया था। तब से वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ ही गुरु गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं। Yogi Adityanath ने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनाई। यह संगठन हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह संगठन के रूप में जाना जाता है।
योगी आदित्यनाथ ने कितनी पढाई की है?
Yogi Adityanath की प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड में ही हुई थी। उन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में प्राथमिक और 1987 में यहीं से दसवीं की परीक्षा पास की थी। इसके बाद सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से उन्होंने इंटरमीडिएट किया। इसी दौरान वे 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी से जुड़े। Yogi Adityanath ने 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी किया।
कहा जाता है कि कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था। जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण वे गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर नहीं कर सके। ऐसे में उन्होंने ऋषिकेश में विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश लिया। उसी दौरान राम मंदिर आंदोलन भी चल रहा था, ऐसे में राम मंदिर आंदोलन ने भी उनका ध्यान धार्मिक कार्य की ओर आकर्षित किया। योगी आदित्यनाथ 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान ही गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए और गुरु गोरखनाथ जी से दीक्षा ले ली और यहीं के होकर रह गए। महन्त अवैद्यनाथ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे। वे 1991 और 1996 में गोरखपुर से सांसद चुने गए थे।
Yogi Adityanath ने पहला चुनाव कब लड़ा था ?
वर्ष 1998 में उनके गुरु अवैद्यनाथ नाथ ने राजनीति से सन्यास ले लिया और Yogi Adityanath को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यही से योगी आदित्यनाथ के राजनैतिक जीवन की शुरुआत हुई। वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ ने 12वीं लोकसभा के लिए गोरखपुर से बीजेपी के टिकट पर सांसद का चुनाव जीता था। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। वे उस समय लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। इसके बाद वे 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी सांसद चुने गए। इस तरह वे गोरखपुर के पांच बार सांसद रहे। वे पहले लोकसभा चुनाव में 26 हज़ार जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 2 लाख से अधिक मतों से विजयी हुए थे।
इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में Yogi Adityanath ने विधानसभा का चुनाव लड़ा। जिसमें भाजपा बहुमत के साथ सत्ता में आई और योगी आदित्यनाथ 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री बने। इसके बाद एक बार फिर 2022 में यूपी में भाजपा ने जीत हासिल की और एक बार फिर वहां योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री चुने गए।