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रवीन्द्र सिंह भाटी कैसे बने राजस्थान की छात्र राजनीति का बड़ा नाम?

ravindra singh bhati

यह पहली बार था जब कोई छात्रनेता जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर (JNVU Jodhpur ) के 57 साल के छात्रसंघ चुनावी इतिहास में 2019 में पहली बार निर्दलीय जीतकर आया। चुनाव में इस छात्रनेता ने 1 हजार 294 वोटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज कर राजस्थान में युवा राजनीति का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरा।

हम बात कर रहे हैं नेता जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर (Jodhpur) के पूर्व केन्द्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष Ravindra Singh Bhati की। शिक्षक पिता शैतान सिंह भाटी और गृहिणी माता अशोक कंवर के घर जन्में रवीन्द्र सिंह ने बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के जोधपुर विश्वविद्यालय (Jodhpur University) के इतिहास में नई कहानी लिख डाली। आज रवीन्द्र सिंह भाटी युवाओं के चहेते हैं और राजस्थान (Rajasthan) की युवा राजनीति में एक बड़ा कद रखते हैं। वे राजस्थान में युवाओं की आवाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। आइए, इस आर्टिकल में हम रवीन्द्र सिंह भाटी के राजनीतिक सफर के बारे में जानते हैं।

रवीन्द्र सिंह भाटी का जन्म

जेएनवीयू जोधपुर के पूर्व केन्द्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह भाटी का जन्म 3 दिसम्बर 1990 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के गड़रारोड पंचायत समिति के दुधोड़ा गांव में राजपूत परिवार में हुआ था। रविंद्र सिंह भाटी के पिता शैतान सिंह भाटी शिक्षक, जबकि उनकी माता अशोक कंवर गृहणी हैं। Ravindra Singh Bhati विवाहित है, उनकी पत्नी का नाम धनिष्ठा कंवर है।

रवीन्द्र सिंह की शिक्षा

रवीन्द्र सिंह भाटी की प्राथमिक शिक्षा बाड़मेर (Barmer) के ही आदर्श विद्या मंदिर हरसानी और मयूर नोबल्स एकेडमी, बाड़मेर में हुई। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए Ravindra Singh Bhati उदयपुर आ गए। जहां उन्होंने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU Udaipur) से विधि में स्नातक और जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से एलएलबी किया।

राजनीति में प्रवेश

रवीन्द्र सिंह भाटी ने 2016 में छात्र राजनीति (JNVU Jodhpur Student Election) में कदम रखा। जहां उन्होंने जय नारायण विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कुणाल सिंह भाटी के साथ धरना, प्रदर्शन आदि में शामिल होकर छात्र हितों के लिए आवाज उठाई। वे कुणालसिंह भाटी के साथ कई प्रदर्शनों में शामिल हुए और विद्यार्थियों की नजरों में आ गए। Ravindra Singh Bhati की शैली, स्वभाव एवं स्थानीय मारवाड़ी बोली में संवाद विद्यार्थियों को खूब पसंद आया और विश्वविद्यालय में उनकी पहचान बनने लगी। इसके बाद उन्होंने 2019 में चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन एबीवीपी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

JNVU में अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह भाटी की भूमिका

रवीन्द्र सिंह भाटी ने जब विश्वविद्यालय से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया तब तक शायद ही किसी को पता होगा कि वे एक इतिहास लिख देंगे। लेकिन ये Ravindra Singh Bhati का व्यक्तिगत व्यवहार और छात्र हित के लिए लड़ाई का ही परिणाम था कि उन्होंने 2019 के केन्द्रीय छात्रसंघ चुनाव (JNVU Election) में 1294 वोटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की और जय नारायण विश्वविद्यालय जोधपुर के अध्यक्ष चुन लिए गए।

जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी रवीन्द्र सिंह भाटी लगातार छात्र हितों को लेकर धरना प्रदर्शन, कुलपति को घेरते नजर आए। कई बार विश्वविद्यालय में जमीन के मुद्दों को लेकर भी आंदोलन करते रहे हैं। इसी कारण युवाओं में रवीन्द्र सिंह भाटी की खासी लोकप्रियता है। रवीन्द्र सिंह भाटी की राजनीति जोधपुर विश्वविद्यालय तक ही सीमित नहीं रहकर प्रदेश के हर काॅलेज तक जा पहुंची। जहां उन्होंने फीस बढ़ोतरी के विरोध में राजस्थान विधानसभा, जयपुर (Jaipur) के बाहर भी हजारों छात्रों के साथ प्रदर्शन किया।

इतना ही नहीं वे छात्र राजनीति के साथ साथ प्रदेश के प्रमुख मुद्दों पर भी अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार Ravindra Singh Bhati शिव विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं। इससे पूर्व भी वे उदयपुर की वल्लभनगर विधानसभा में हुए उपचुनाव में रणधीर सिंह भींडर के साथ नजर आए थे। इसके अलावा पशुओं में फैले लम्पी रोग के निदान के लिए उनकी ओर से चलाए गए टीकाकरण अभियान में भी उन्हें काफी सराहना मिली। आज रवीन्द्र सिंह का नाम उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने छात्र राजनीति से निकलकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

आपको बता दें कि राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधायक हरीश चैधरी, डॉ जालम सिंह रावलोत, बाबू सिंह राठौड़ सहित कई ऐसे बड़े नेता हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जय नारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर से की है।

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