
देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था जब भी अनिश्चितता के दौर से गुजरती हैं, तब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। भारत में भी शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इस लेख में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि स्टॉक मार्केट आखिर होता क्या है? ये कैसे चलता है? बाजार क्यों गिरता है? और सबसे अहम ऐसे वक्त में क्या किया जाए, ताकि आपका निवेश सुरक्षित रहे और आप लंबे समय में फायदे में रहें।
स्टॉक मार्केट क्या होता है?
स्टॉक मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ कंपनियां अपने शेयर पब्लिक को बेचती हैं। जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर खरीदता है, तो वह उस कंपनी के एक छोटे हिस्से का मालिक बन जाता है। यह उतना हिस्सा होता है, जितनी कम्पनी की वैल्यू के अनुपात में उसके द्वारा शेयर खरीदे गए होते है। भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) इसके दो प्रमुख केंद्र हैं।
स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है?
स्टॉक मार्केट डिमांड और सप्लाई के सिद्धांत पर काम करता है। यदि किसी कंपनी का प्रदर्शन अच्छा होता है या उसके भविष्य को लेकर सकारात्मकता होती है, तो उसके शेयर की मांग बढ़ती है और दाम ऊपर जाता है। इसके उलट, यदि किसी कंपनी में कोई दिक्कत आती है या बाजार में डर का माहौल बनता है, तो लोग उसके शेयर बेचने लगते हैं, जिससे कीमत गिर जाती है।
बाजार कब और क्यों गिरता है?
– आर्थिक मंदी: जब किसी देश की GDP ग्रोथ स्लो हो जाती है।
– अंतरराष्ट्रीय संकट: जैसे युद्ध, तेल की कीमतों में उछाल या अमेरिकी बाजार की गिरावट।
– ब्याज दरों में बदलाव: जब RBI ब्याज दरें बढ़ाता है, तो निवेशक इक्विटी से पैसा निकालकर FD या अन्य सुरक्षित विकल्पों में लगाते हैं।
– राजनीतिक अनिश्चितता: चुनावी माहौल या नीतियों में बदलाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित होती है।
– कंपनियों के खराब नतीजे या घोटाले: जब कोई बड़ी कंपनी घाटे में लिप्त पाई जाती है या किसी विवाद में फंसती है।
बाजार कब बढ़ता है?
– देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और GDP में अच्छी वृद्धि हो।
– कंपनियों के तिमाही नतीजे सकारात्मक हों।
– निवेशकों को सरकार की नीतियों से भरोसा मिले।
– विदेशी निवेशकों (FII) का रुझान सकारात्मक हो।
– ब्याज दरें कम हों, जिससे लोग शेयर बाजार को प्राथमिकता दें।
बाजार गिरने पर क्या करना चाहिए? जानिए 7 ज़रूरी बातें
1. घबराएं नहीं, संयम रखें
बाजार में गिरावट कोई नई बात नहीं है। बाजार में गिरावट विभिन्न कारणों से समय-समय पर होती रहती है। हर बड़ी गिरावट के बाद बाजार रिकवरी करता है। घबराकर शेयर बेच देने से नुकसान हो सकता है। ऐसे में संयम जरूर रखें और अपडेट रहें।
2. लंबी अवधि के लिए निवेश करें
शेयर बाजार शॉर्ट टर्म में अस्थिर होता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह निवेशकों को बेहतर रिटर्न देता है। गिरावट के समय मजबूत कंपनियों के शेयर सस्ते दामों पर मिलते हैं – यह निवेश का अच्छा मौका होता है। ऐसे में लंबी अवधि के लिए निवेश करें।
3. विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करें
अपने पूरे पैसे को एक ही सेक्टर या कंपनी में न लगाएं। बैंकिंग, आईटी, एनर्जी, फार्मा, FMCG जैसे अलग-अलग सेक्टरों में निवेश करके जोखिम को बैलेंस किया जा सकता है। इसलिए अलग-अलग सेक्टरों पैसा लगाएं।
4. क्वालिटी कंपनियों में विश्वास रखें
गिरावट के दौरान छोटी या कमजोर कंपनियाँ टूट सकती हैं, लेकिन फंडामेंटली मजबूत कंपनियाँ समय के साथ वापसी करती हैं। इन कंपनियों में निवेश को बनाए रखना समझदारी होती है।
5. SIP और एवरेजिंग का सहारा लें
SIP (Systematic Investment Plan) से नियमित निवेश जारी रखें। जब बाजार नीचे होता है, तब उसी पैसे में ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। इससे आपका औसत खरीद मूल्य कम होता है।
6. कैश रिजर्व रखें
गिरावट के समय कुछ पैसे बचाकर रखें, ताकि अच्छे स्टॉक्स को डिस्काउंट पर खरीदा जा सके। बाजार की गिरावट दरअसल अच्छा अवसर होती है। ऐसे में कई निवेशक इसी दौरान पैसा लगाते है।
7. विशेषज्ञों से सलाह लें
अगर बाजार के उतार चढ़ाव को समझना मुश्किल हो रहा है, तो किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें। इससे आप सही समय पर सही निर्णय ले पाएंगे।
याद रखें, बाजार गिरता है, फिर संभलता भी है। ये उसका नेचर है। समझदार निवेशक वही होता है जो उतार-चढ़ाव में धैर्य रखे, रिसर्च करे और सोच-समझकर कदम उठाए। हर गिरावट के बाद बाजार ने नई ऊंचाई को छुआ है। जो निवेशक डटे रहे, उन्हें अच्छा रिटर्न मिला है। इसलिए घबराने की जगह, सीखें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।